05 My bapuji PNG
S-34705
गुरु के दैवीकार्य में जो भागीदार होते हैं, वो गुरु के दैवी अनुभव में भी भागीदार हो जाते हैं ।
- पुज्य बापूजी
शास्त्रमार्ग पर चलने वाला तो कोई विरला ही तरता है परंतु गुरुमार्ग से जाने वाले सब के सब तर जाते हैं । जो भगवान को ढूँढने जाता है, वह भगवान को ढूँढता ही रहता है पर जो गुरु की सेवा करता है, उसको भगवान ढूँढने आते हैं कि वह कहाँ सेवा कर रहा है।
Note - This PNG Is Password Protected Please Register Right Now To Receive Password.
ENTER PASSWORD
Tags:
PNG
Post a Comment
0 Comments